
यह घटना तब शुरू हुई जब एक गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड किया गया। रिपोर्ट में सामने आया कि 16 हफ्ते की गर्भवती महिला के गर्भ में पल रही बच्ची के शरीर में एक विशाल ट्यूमर (Sacrococcygeal Teratoma) विकसित हो रहा है। यह ट्यूमर बच्ची की जान के लिए खतरा बन चुका था। डॉक्टरों के मुताबिक, अगर कुछ नहीं किया जाता तो बच्ची की गर्भ में ही मौत हो सकती थी।
🔬 ऐतिहासिक सर्जरी:
23वें हफ्ते में डॉक्टर्स ने एक बहुत ही दुर्लभ और जटिल प्रक्रिया अपनाई।
बच्ची को माँ के गर्भ से बाहर निकाला गया,
फिर उसका ऑपरेशन करके ट्यूमर को हटा दिया गया,
और इसके बाद बच्ची को वापस गर्भ में रखा गया ताकि वह कुछ और हफ्ते और सुरक्षित रूप से माँ के पेट में विकसित हो सके।
यह सर्जरी लगभग 5 घंटे चली और डॉक्टरों ने अत्यंत सूक्ष्मता से इस प्रक्रिया को अंजाम दिया। इसके बाद महिला ने 36वें हफ्ते में इस बच्ची को दोबारा जन्म दिया — इस बार स्वस्थ और सुरक्षित।
🌟 क्यों खास है यह मामला?
मेडिकल हिस्ट्री में यह एक अत्यंत दुर्लभ केस है जहां कोई शिशु दो बार जन्मा।
यह बच्ची ना केवल एक चमत्कारिक जीवन का प्रतीक बनी, बल्कि यह मेडिकल साइंस के लिए भी प्रेरणा है।
👶 बच्ची का नाम: लिनली होप
लिनली आज पूरी तरह से स्वस्थ है और सामान्य बच्चों की तरह अपना जीवन जी रही है। उसे देखकर कोई नहीं कह सकता कि उसने जन्म से पहले इतनी बड़ी जंग लड़ी है।
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