
क्या आपने कभी सोचा है कि डिस्टिल्ड वाटर (Distilled Water) का TDS कितना होना चाहिए? क्या TDS का लेवल वाकई में पानी की शुद्धता को दर्शाता है? इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि डिस्टिल्ड वाटर क्या होता है, इसका TDS कितना होना चाहिए, और इसका सही उपयोग कहाँ होता है।
TDS क्या है?
TDS का पूरा नाम है Total Dissolved Solids, यानी पानी में घुले हुए कुल ठोस पदार्थ जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम, क्लोराइड्स आदि। TDS को मिलीग्राम प्रति लीटर (mg/L) या पार्ट्स पर मिलियन (ppm) में मापा जाता है।
सामान्य नल के पानी में TDS 100 से लेकर 500 ppm तक हो सकता है, लेकिन डिस्टिल्ड वाटर का मामला अलग है।
Distilled Water क्या होता है?
डिस्टिल्ड वाटर वह पानी होता है जिसे उबालकर उसकी भाप को कंडेंस कर के इकठ्ठा किया जाता है। यह प्रक्रिया लगभग सभी घुले हुए खनिजों और अशुद्धियों को हटा देती है। इसलिए डिस्टिल्ड वाटर को अत्यंत शुद्ध पानी माना जाता है।
डिस्टिल्ड वाटर का इस्तेमाल मुख्यतः प्रयोगशालाओं, बैटरियों, स्टीम आयरन, मेडिकल उपकरणों, और कुछ विशेष उद्योगों में किया जाता है, जहाँ पानी में खनिजों की मौजूदगी उपकरणों को नुकसान पहुँचा सकती है।
Distilled Water का TDS कितना होना चाहिए?
डिस्टिल्ड वाटर का TDS आमतौर पर 0 से 10 ppm के बीच होता है। कुछ मामलों में, यदि उपकरण बहुत उच्च गुणवत्ता का हो तो TDS 0 के बराबर (या करीब) भी हो सकता है।
ध्यान दें:
अगर डिस्टिल्ड वाटर का TDS 10 ppm से ऊपर है, तो संभव है कि वह पूरी तरह से डिस्टिल्ड न हो।
यदि TDS बहुत अधिक (जैसे 50 ppm या उससे ज़्यादा) हो, तो यह संकेत है कि पानी में अशुद्धियाँ बची हैं या यह डिस्टिल्ड वाटर नहीं है।
क्या कम TDS वाला पानी पीने के लिए सुरक्षित है?
हालाँकि डिस्टिल्ड वाटर बहुत शुद्ध होता है, लेकिन इसमें खनिज नहीं होते, जो शरीर के लिए ज़रूरी हो सकते हैं। इसलिए:
डिस्टिल्ड वाटर पीने के लिए उपयुक्त नहीं होता, खासकर लंबे समय तक।
यह शरीर से खनिजों को बाहर निकाल सकता है अगर नियमित रूप से पीया जाए।
पीने के लिए पानी में TDS 100 से 300 ppm के बीच आदर्श माना जाता है।
TDS मीटर से कैसे जांचें?
TDS चेक करने के लिए बाज़ार में आसान और सस्ते डिजिटल TDS मीटर मिलते हैं।
मीटर को पानी में डुबोएं।
कुछ सेकंड में डिस्प्ले पर ppm में TDS दिखेगा।
डिस्टिल्ड वाटर में यह मानक 0–10 ppm होना चाहिए।
डिस्टिल्ड वाटर का सही उपयोग
कार बैटरी: खनिज मुक्त पानी बैटरी लाइफ बढ़ाता है।
स्टीम आयरन: डिस्टिल्ड वाटर से स्केल नहीं बनता, जिससे आयरन खराब नहीं होता।
मेडिकल उपकरण: जैसे ऑटोक्लेव मशीन या नेबुलाइज़र में अशुद्धियाँ नुकसान पहुँचा सकती हैं।
लैब उपयोग: वैज्ञानिक प्रयोगों में शुद्धता आवश्यक होती है।
निष्कर्ष
डिस्टिल्ड वाटर का TDS लगभग 0 से 10 ppm के बीच होना चाहिए। यह पानी पूरी तरह से शुद्ध होता है और विशेष कार्यों के लिए अत्यंत उपयोगी है। लेकिन इसे पीने के लिए नियमित रूप से उपयोग करना शरीर के लिए उपयुक्त नहीं है।
अगर आप डिस्टिल्ड वाटर खरीदते हैं या खुद बनाते हैं, तो TDS मीटर से उसकी शुद्धता जरूर जाँचें। सही TDS यह सुनिश्चित करता है कि आप जिस उद्देश्य के लिए पानी का उपयोग कर रहे हैं, वह प्रभावी और सुरक्षित रहेगा।
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